दिल्ली: ११ दिसंबर २०२३
संविधान के अनुच्छेद ३७० में संशोधन के केंद्र सरकार के २०१९ के कदम पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ११ दिसंबर, २०२३ अपना फैसला सुनाया। इस निरसन से पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा समाप्त हो गया। कोर्ट ने अनुच्छेद ३७० को निरस्त करने वाले संवैधानिक आदेश को वैध माना।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने १६ दिनों की सुनवाई के बाद इस साल ५ सितंबर को मामले में २३ याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई मामला नहीं है कि राष्ट्रपति के २०१९ के आदेश गलत थे या शक्ति का अनुचित प्रयोग था। जबकि अदालत ने कहा कि २०१९ में पूर्ववर्ती राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करना एक अस्थायी कदम था, इसने केंद्र को राज्य का दर्जा बहाल करने और विधान सभा चुनाव कराने का निर्देश दिया।